🔥 क्या धर्म और राजनीति के नाम पर इंसानियत की बलि दी जा सकती है?
तमस, भीष्म साहनी द्वारा लिखा गया एक कालजयी हिंदी उपन्यास है, जो 1947 के विभाजन के समय हुए सांप्रदायिक दंगों की भयावह सच्चाई को उजागर करता है। यह उपन्यास धर्म, राजनीति और मानवीय संवेदनाओं के संघर्ष को दर्शाते हुए पाठकों को झकझोर कर रख देता है।
🔸 अलग-अलग धर्मों के बीच गहराती खाई और भय का माहौल,
🔸 सत्ता, राजनीति और उन्माद के खेल में पिसते निर्दोष लोग,
🔸 और विभाजन का ऐसा दर्द, जो पीढ़ियों तक महसूस किया गया!🖋️ यह उपन्यास केवल इतिहास नहीं, बल्कि इंसानी फितरत का आईना है।
🔹 श्रेणी: ऐतिहासिक / सामाजिक यथार्थवादी उपन्यास
🔹 मुख्य विषय: सांप्रदायिकता, राजनीति, देश विभाजन, मानवीय त्रासदी🏆 पढ़ने योग्य क्यों?
✔ भीष्म साहनी की सशक्त लेखनी का अद्भुत नमूना
✔ विभाजन की सच्चाई को बिना किसी लाग-लपेट के दर्शाता है
✔ आज भी सामयिक और प्रासंगिक मुद्दों को उजागर करता है🛒 क्वालिटी चेक:
✅ स्थिति – प्री-ओन्ड, लेकिन अच्छी स्थिति में
✅ प्रामाणिकता – सत्यापित हिंदी संस्करण
✅ शिपिंग से पहले पूरी तरह से जांचा जाता है🚚 शिपिंग: पूरे भारत में उपलब्ध
💳 भुगतान: केवल ऑनलाइन भुगतान📢 एक ऐसा उपन्यास, जिसे पढ़ने के बाद इंसानियत और नफरत के बीच का फर्क साफ हो जाएगा! 🕊📖
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तमस – भीष्म साहनी का यथार्थवादी उपन्यास
Title: तमस – भीष्म साहनी का यथार्थवादी उपन्यास
Author: Bhishm Sahni
Condition: Used
Binding: Paperback
Language: Hindi